मुख्यमंत्री रमन सिंह के नाम खुला पत्र

25 जुलाई 2009, रायपुर
मुख्यमंत्री जी,

राज्य के पुलिस प्रमुख और अन्य प्रशासकीय तथा राजनीतिज्ञ सलाहकारों से सहमत होते हुए बुद्धिजीवियों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को लगभग उलाहने के स्वर में आपने यही बार-बार आव्हान किया है कि वे राज्य सरकार की आलोचना करने के बदले नक्सलियों के खिलाफ क्यों नहीं लिखते. आपकी 'रियाया' होने के कारण मैंने इस सलाह पर अमल किया है और समाचार पत्र इसके प्रमाण हैं.

यह अलग बात है कि नक्सली हिंसा के बरक्स राज्य की हिंसा एक बड़ा खतरनाक प्रयोग है जो आज़ादी के बाद से ही भारत की चिंता का विषय रहा है. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद नासूर की तरह फैल गया है. वह मलेरिया के बुखार की तरह आए दिन मनुष्यता को ही तबाह करता है और बाकी दिन जब ऐसे बुखार की तरह तापमान छोड़ देता है जिसे सामाजिक थर्मामीटर माप नहीं पाता, तब सरकारी तंत्र के अत्याचार बदस्तूर कायम रहते हैं.
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कनक तिवारी